शुक्रवार, 8 अप्रैल 2011

कलम

कलम बेखौफ हो के लिख वही जिसकी जरूरत ही 1


कलम तू लिख रही ही क्या उसे लखना कहा जाये 1


लिखना तो वही जो किसी के काममें आये 11


कभी भी महज़ लिख देने के मक़सद से नहीं लिखना 1


लगा ही रोग लिखने का कभी भी ये नहीं सुनना 11


भले तारीफ करना भूल जाये शहंशाहों की 1


कभी ना चूकना लिखना कथा उनके गुनाहों की १


तेगो तलवार ko ek din yakinan mae khani hai


शनिवार, 3 जुलाई 2010